
कुरुक्षेत्र:राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुराला में संगीत परिक्षिका के पद पर तैनात गीता देवी को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पता चलता है कि एक 6 दिन के बच्चे को इमेरजेंसी में ए पोजटिव ब्लड की जरूरत है और परिवार को कहीं मिल नही रहा ।
इस के बाद गीता देवी ब्लड बैंक में पहुंचती है लेकिन अमावस का व्रत रखने की वजह से खाली पेट थी इसलिए डाक्टर उनको रक्तदान करने से मना कर देते है,लेकिन गीता देवी तुरंत अपना व्रत तोड़ कर खाना खाती है और रक्तदान करती है । उनके इस हौसले की डॉक्टर भी खूब तारीफ करते है। रक्तदान करते हुए उन्होंने बताया कि यह उनका
पांचवा रक्तदान है व इस से शरीर मे किसी तरह की कोई कमजोरी नही आती बल्कि हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।
जन सहयोग संस्था कुरुक्षेत्र टीम ने भी गीता देवी के इस साहस की खूब सराहना की व बताया कि ऐसी रक्तविरंगनाओं के होते हुए किसी मरीज की रक्त की कमी से जान नही जा सकती। संस्था संस्थापक जितेंद्र व संस्था सदस्य मिथुन समाना ने बताया कि हमारे एक यूनिट रक्त से 3 लोगों की जान बचाई जा सकती है। इसलिए हर 90 दिन के बाद हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए।